M B A के बाद सिर्फ CEO बन्ना था
पच्चीस की उम्र अपनी CAR मे घुमना था …
Mercedes के निचे गाड़ी नहीं दिखती थी
लेकिन cold calls और marketing से फुरसत ही नहीं मिलती थी…
Career की गाड़ी पटरी पे चढ़ते चढ़ते रह गई
CEO बनते बनते एक teacher बनके रह गई …
पेहेले पेहेले class की tension होती थी
दो घंटे कि class एक घंटे मे ख़त्म कर देती थी....
धीरे धीरे students का साथ enjoy करने लगी
थोड़े ही दिनोमे ये students मेरी ज़िन्दगी बन गई ....
आज ये हाल हे के मे class के बिना रेह नहीं सकती
कोई CEO बनाए या Mercedes दे अपने students का साथ छोड़ नहीं सकती…
I want to thank each and every student of mine for making my life so positive and lively....